Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps July 25, 2016 ठोकरे खाता हूँ पर "शान"से चलता हूँ मै खुले आसमान के नीचे सीना तान के चलता हूँ , मुश्किले तो "साज"है, जिंदगी के। उठूँगा ,गिरूंगा फिर उठूँगा और आखिर मे "जीतूंगा मै ही" ये ठान के चलता हूँ. Read more