संदेह से देखना तेरी आदत है, पर मेरी यारी भी देख खामियां मुझ में लाख सही, पर मेरी वफादारी भी देख यूँ न कर मुझे अलग खुद से, मेरी लाचारी भी देख,ले झुका तेरे कदमों में , तेरे आगे सब हारा भी देख..!!
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मेरा हाल देखकर मोहब्बत भी शर्मिंदा है, कि ये शख्स सब कुछ हार गया फिर भी ज़िंदा है.
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